अमेठी में महाराणा प्रताप धर्म रक्षा समिति ने कराई
घर वापसी
अमेठी और उसके आसपास के गांवों में विगत दो वर्षों से रायबरेली की ईसाई मिशनरियों ने बहुत से परिवरों को ईसाई बनाया था। इसलिए छह माह पहले स्थानीय हिन्दू जनता ने ईसाई मिशनरियों का बहिष्कार किया और मतांतरितों से संबंध विच्छेद कर लिए। गत 1 जनवरी को नववर्ष के दिन महाराणा प्रताप धर्म रक्षा समिति (अमेठी) के संयोजक श्री विजय सिंह, श्री रामराज और श्री संजय चौहान के संयुक्त प्रयासों से 4 स्थानों पर परावर्तन यज्ञ आरंभ हुआ। इसमें 4 गांव के 118 परिवरों के 448 सदस्य वापस घर आए। यज्ञ का आयोजन कटरा, बरियारपुर, वार्ड नं. 2 (अमेठी) और राजा हिम्मतसिंह मैदान पर हुआ। स्थानीय पुरोहित पं. श्रवण कुमार एवं विनोद कुमार ने सभी की घर वापसी सम्पन्न कराई। इस अवसर पर समिति के संयोजक एवं स्थानीय जाति-बिरादरी के सभी प्रमुख उपस्थित थे। अमेठी की ब्लाक प्रमुख श्रीमती रश्मि सिंह पूरे समय तक चारों स्थानों पर भ्रमण करती रहीं। जिला पंचायत सदस्य श्री राजीव शुक्ल एवं भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह भी सक्रियता के साथ पूरे समय उपस्थित रहे। श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने अमेठी/रायबरेली में ईसाइयों के "जोसुआ प्रोजेक्ट" एवं पिन कोड (चर्च) योजना को लागू करने का विरोध किया एवं हिन्दू समाज की रक्षा के लिए सामथ्र्यशील व जाति प्रमुखों का आवाह्न किया कि वे अपने पूर्वजों को स्मरण करते हुए रायबरेली से लेकर अयोध्या तक के क्षेत्र को पुण्यभूमि क्षेत्र बनाये रखें। कोरारी के पूर्व प्रधान श्री अनिल पाण्डेय ने कहा कि प्रत्येक हिन्दू परिवार के घर में बाइबिल और क्रास पहुंचाने के प्रयासों को रोका जाना चाहिए। जागरूक नागरिक मंच के श्री अंबिका प्रसाद ने कहा कि राजीव गांधी फाउण्डेशन एवं वेलकम टू गांधी फैमिली द्वारा ईसाई मिशनरियों को सहयोग दिया जा रहा है। महाराणा प्रताप धर्म रक्षा समिति ने निर्णय किया है कि प्रत्येक गांव में प्रत्येक सप्ताह भारत माता आरती एवं हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। जाति-बिरादरी के प्रमुखों ने डीह एवं चौरा माता पर हनुमान पताका फहराई एवं संकल्प लिया कि अपनी न्याय पंचायत में मिशनरियों की गतिविधियां नहीं चलने देंगे।
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